भूत प्रेतों पर यकीन नहीं करने वाले भी सोच में पड़ जाएंगे

                 भूत प्रेतों पर यकीन नहीं                      करने वाले भी सोच में पड़ जाएंगे

   

kahanikar G


कुछ लोग मानते हैं कि भूत-प्रतों की भी अपनी दुनिया है और कभी-कभी यह अपनी दुनिया से निकलकर हम मनुष्यों की दुनिया में आ जाते हैं फिर कुछ अनहोनी घटनाएं होने लगती हैं। जबकि कुछ लोग भूत-प्रतों की बातों पर विश्वास नहीं करते हैं। ऐसे लोगों के अनुसार दुनिया में भूत-प्रेत नाम की कोई चीज ही नहीं होती है।

ऐसे ही कुछ लोग उन दिनों उज्जैन रेडियो स्टेशन में मौजूद थे। दिसंबर का महीना था और रात के करीब नौ बज चुके थे। चारों तरफ घना कोहरा था। यूरोपियन कार्यक्रम के इंचार्ज बैनर्जी स्टूडियो से बाहर निकले और टहलते हुए लॉन में चले आए।

अचानक बैनर्जी ने देखा कि आम के पेड़ के नीचे एक पुरुष की छाया है। अपना वहम समझकर बैनर्जी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। लेकिन कुछ ही पलों में ऐसी घटना हुई कि बनर्जी के होश उड़ गए। मारे डर के इनका बुरा हाल होने लगा।
        

            क्या हुआ बैनर्जी के साथ?

बैनर्जी ने देखा कि लॉन में मेज के पास रखी कुर्सियों में से एक कुर्सी अचानक हवा में उठने लगे और फिर नाचने लगी। इसके बाद सीढ़ी के दरवाजे से टकराकर कुर्सी टेढ़ी हो गई।

इस नजारे को देखकर भय से कांपते हुए बनर्जी किसी तरह मेज पर रखे टेलीफोन तक पहुंचे और ड्यूटी रुप में फोन करके बताया कि उनकी हालत खराब हो रही है। ड्यूटी रुम में मौजूद लोग भागकर लॉन में पहुंचे।

ड्यूटी रुम में पहुंचने के बाद बनर्जी ने बताया कि उन्होंने कभी इस बात जिक्र नहीं किया है लेकिन उन्होंने देखा है कि देर रात रेडियो स्टेशन के गलियारे में कोई छाया टहल रहा होता है यह दिखने में अंग्रेज जैसा लगता है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भूत प्रेत पीड़ित व्यक्ति की पहचान कैसे करें

'बीज मंत्र' ध्यान की परिवर्तनकारी शक्तियां

मायोंग

क्या कोई भगवान है?

स्लीप पैरालिसिस को समझना

आत्महत्या क्या है?

बंगाली भूत और उनकी आकर्षक कहानी