मौताणा
मौताणा kahanikar G मौताणा राजस्थान में चली आ रही पुरानी प्रथाओं में से एक है। यदि कोई बच्चा किसी खेत से होकर निकल रहा है और उसे सांप ने डस लिया तो हो सकता है कि उस बालक की मौत पर खेत के मालिक को भारी हजार्ना भरना पड़े। इसे 'मौताणा प्रथा' कहते हैं। राजस्थान के आदिवासी इलाकों में आज भी एक प्रथा है ‘मौताणा’, जिसने अब तक हजारों परिवारों को तबाह कर दिया है। राजस्थान की अरावली पहाडि़यों से सटे उदयपुर, बांसवाड़ा, सिरोही व पाली के आदिवासी इलाकों में रहने वाले आदिवासियों में इस प्रथा का सब से ज्यादा चलन है। इस प्रथा की शुरुआत तो सामाजिक इंसाफ के मकसद से हुई थी, जिसमें अगर किसी ने किसी शख्स की हत्या कर दी तो कुसूरवार को सजा के तौर पर हर्जाना देना पड़ता था, लेकिन अब दूसरी वजहों से हुई मौतों पर भी आदिवासी ‘मौताणा’ मांग लेते हैं। पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि किसी भी वजह से हुई अपनों की मौत का कुसूर दूसरों पर मढ़ कर जबरन ‘मौताणा’ वसूल किया जाने लगा है। दरअसल, जब मरने वाले का...